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लेखनी प्रतियोगिता -01-Sep-2022 नयी शुरूआत


             शीर्षक:-  एक नयी शुरूआत
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        "  ऱमल हम अब एक नयी शुरूआत करेंगे ?" रमल की गोद में लेटी हुई गरिमा बोली।

     "  तुम क्या नयी शुरूआत  करना चाहती हो? " रमल ने उसके बालौ पर हाथ फेरते हुए पूछा।
     
       "अब मै अपनी बारात लेकर तुम्हारे गाँव आऊँगी ? " गरिमा ने जबाब देते हुए बोला।

     "तुम पागल तो नही होगयी हो गरिमा ? आज तक कभी सुना है कि कोई लड़की बारात लेकर घोडी़ पर चढ़ कर गयी हो और वह दूल्हा लेकर  अपने घर आई हो ?" रमल बोला।

     "  यह क्या फिक्स है कि दूल्हा ही बारात लेकर आयेगा और दुल्हन लेकर चला जायेगा। मै इस बार नयी शुरूआत करूँगी। कोई नाराज होगा तो हमारा क्या बिगाडे़गा। ?" गरिमा ने हठ करते हुए कहा।

        " गरिमा तुम्है पता होगा कि दूल्हा दुल्हन को लेकर अपने घर लेकर जाता है यदि दुल्हन बारात लेकर गयी तब वह दूल्हा लेकर अपने मायके में रहेगी। अब तो इस शैतान दिमाग मे कुछ भर गया होगा।" रमल उसकी चिकोटी भरकर बोला।

         "देखो क्या जमाना है चिकोटी स्वयं भर रहे हो और शैतान मुझे बतारहे हो।  इसीलिए मर्द जात बदनाम है। " गरिमा बोली।

     गरिमा अपनी क्लास में सबसे चंचल व पढ़ने मे हमेशा अब्बल आती थी परन्तु जबसे रमल उनकी क्लास में आया वह दूसरे नम्बर पर आने लगी थी। इसी बहस मे छमाही की परीक्षा आगयी ।दोनौ ने जमकर महनत की लेकिन गरिमा कुछ नम्बरौ से रमल से पीछे रह गयी। और यहीं से दोनौ एक दूसरे मिलने लगे।

      अब दोनौ एक दूसरे को अपने नोट्स शेयर करते थे  फाइनल की परीक्षा तक एक दूसरे पर अपनी जान छिड़कने लगे।

     जबतक उनके परिवार के लोगौ को इसकी खबर लगी  तब तक वह दोनौ एक दूसरे के बिना जीवित न रहने की कसमें खाचुके थे। पहले तो घर वाले उन दोनौ को समझाते रहे जब वह जिद पर अड़ गये तब उन दोनौ के माता पिता ने भी उन दोनौ की शादी करने का फैसला ले लिया।

       अब गरिमा की इस नयी शुरूआत ने रमल को और डरा दिया । और रमल डरने लगा कि वह अपने माता पिता को कैसे मनायेगा। गरिमा ने अपने मम्मी व पापा को इसके लिए तैयार कर लिया।

   अब रमल की बारी थी । रमल ने जब अपने पापा व मम्मी को गरिमा की जिद बताई तो वह बहुत नाराज होगये और उन दोनौ ने घरिमा से स्वयं मिलकर समझाने के लिए बोला।

     गरिमा इसके लिए तैयार होगयी ।जब दोनौ आमने सामने बैठे तब रमल के पापा ने पूछा," गरिमा बेटी तू यह क्या जिद करने लगी। "

      तब वह बोली," पापा हम आजतक जो करते आये है हमें उससे कुछ हटकर  करना चाहिए। आप मेरी बात मान लो बहुत मजा आयेगा। "

      रमल के पापा उसकी मीठी बातौ में आगये और उन्हौने उसको इसकी इजाजत देदी।

      इसकी चर्चा सब तरफ हौने लगी कि एक लड़की घोडी़ पर चढ़कर बारात लेकर जायेगी। बुजर्गौ ने इसका विरोध भी किया। बहुतसे लोग इस शादी में शामिल भी नही हुए।

     परन्तु गरिमा बारात लेकर रमल के घर पहुँच गयी। और वहा उसकी बारात में गयी हुई लड़कियौ व औरतौ ने खूब आनन्द किया और धमाल मचाया। इसके बाद वह दूल्हा बने रमल को बिदा कराकर  जनवासे तक लाई और इसके बाद लौटकर अपनी  ससुराल पहुँच गयी।

      इस तरह गरिमा रमल ने एक नयी शुरूआत कर दी।

आज की प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा "पचौरी "
01/09/2022



 

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9 Comments

Seema Priyadarshini sahay

03-Sep-2022 03:44 PM

बेहतरीन रचना

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Mahendra Bhatt

02-Sep-2022 06:40 PM

शानदार

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Ajay Tiwari

02-Sep-2022 03:06 PM

Nice

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